भारतीय समाज एवं लैंगिक असमानता
Abstract
लैंगिक असमानता को समझने से पहले हमें यहाँ पहले लिंग के परिभाषा को स्पष्ट करना आवश्यक प्रतीत होता है। डाॅ0 गोपी रमण प्रसाद सिंह ने अपनी पुस्तक लिंग एवं समाज में लिंग का अर्थ बताते हुए कहा है कि ‘‘नारीवादी चिंतन का एक महत्वपूर्ण पहलू यौन एवं लिंग के भेद को स्पष्ट करना है। ‘यौन’ शब्द स्त्री पुरूष के बीच एक जैविक अर्थ की ओर इशारा करता है जबकि लिंग शब्द के साथ सामाजिक सांस्कृति संदर्भ जुड़ा है। सिमौन द बुआ का कहना है कि ‘‘औरत पैदा नहीं होती बना दी जाती है।’’
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Published
2023-08-26
How to Cite
swaranjali24, swaranjali24, & डाॅ. रचना प्रसाद. (2023). भारतीय समाज एवं लैंगिक असमानता. JOURNAL OF BUSINESS MANAGEMENT & QUALITY ASSURANCE, 1(1). Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JBMQA/article/view/405
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