युवाओं की अपराधिक प्रवृति में आर्थिक एवं शैक्षिक परिवेश का प्रभाव

Authors

  • संजीव कुमार शोध छात्र बरेली कालेज बरेली

Abstract

कोई भी वह कृत्य जो कानून की दृष्टि में दण्डनीय है अपराध है। वह कार्य, जो मानव हित अथवा समाज हित में न होकर जनहित के लिए घातक है तथा जिसे करने पर कानून का उल्लंघन होता है एवं दण्डनीय है, अपराध कहलाता है। यद्यपि विधि का उल्लंघन होने पर ही अपराध होता है तथा विधि (कानून) को तोड़ने वाला अपराधी तथा दण्ड का भागीदार होता है, तथापि ऐसे भी अनेकों कृत्य हो सकते हैं, जिनसे कानून का उल्लंघन न होता हो लेकिन फिर भी वह कृत्य, समाज में निन्दनीय होते हैं। यहाँ यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि अपराधिक कृत्य सामान्यतः इरादतन एवं दुराश्य से किए जाते हैं, लेकिन कभी-कभी बिना सोचे अचानक आवेग में भी गैर इरादतन अपराध हो जाते हैं।

मुख्य शब्द- अपराध, कानून, असंतोष, कृत्य, परिवेश, समाज, आर्थिक, शैक्षिक।

Downloads

Published

2022-06-25

How to Cite

कुमार स. (2022). युवाओं की अपराधिक प्रवृति में आर्थिक एवं शैक्षिक परिवेश का प्रभाव. JOURNAL OF BUSINESS MANAGEMENT & QUALITY ASSURANCE, 3(1). Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JBMQA/article/view/61

Issue

Section

Research Articles