ग्रामीण भारत में रोजगार की बदलती प्रवृतियां

Authors

  • डॉ मुहम्मद शमीम एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य, राजकीय महाविद्यालय, महाराजगंज

Abstract

इस प्रकार के और भी अनेक कार्य हो सकते हैं गांव तथा कस्बों में आजीविका के काफी स्रोत है पर सब जगह परिश्रम बौद्धिक शारीरिक कुशलता और जोखिम उठाने की आवश्यकता है थोड़ा सा परिश्रम कुछ धैर्य तथा व्यापारिक बुद्धि का प्रयोग आजीविका एवं रोजगार के नए नए आयाम प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के लोगों को बैंक तथा सरकार भी सहायता प्रदान करते हैं वर्तमान ग्रामीण क्षेत्र में मेहनत की रोटी खाने का भाव रखने वालो के लिए आजीविका के स्रोत तथा रोजगार के अवसरों का कोई अभाव नहीं है इस प्रकार भारतीय ग्रामीण क्षेत्र में परंपरा पैतृक रोजगार के संरक्षण के साथ आर्थिक लाभ भी अर्जित किया जा सकता है।

Downloads

Published

2022-06-23

How to Cite

शमीम ड. म. . (2022). ग्रामीण भारत में रोजगार की बदलती प्रवृतियां. JOURNAL OF BUSINESS MANAGEMENT & QUALITY ASSURANCE, 1(1). Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JBMQA/article/view/9

Issue

Section

Research Articles