सार्वजनिक खनिज तेल उद्यमों में उपार्जनों का प्रवृत्ति विश्लेषण

Authors

  • डॉ. स्मिता कुमारी ब्रह्मानंद कॉलेज कानपुर उत्तर प्रदेश

Abstract

 भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात् सार्वजनिक उद्यमों का तीव्र गति से विकास हुआ। गाँवों को महत्वपूर्ण औद्योगिक नगरों में बदलता, देश की औद्योगिक संरचना को दृढ़ और विकसित करना, आर्थिक विकास के कार्यक्रमों को नई दिशायें प्रदान करना तथा देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग देना यह सब तीब्र गति के अन्तर्गत किया गया। लोक उद्यम सर्वेक्षण के अनुसार यह कहा गया है कि, “औद्योगिक इकाइयों द्वारा अधिक्यों का सृजन और उनका उत्पादन उद्देश्यों के लिये प्रयोग ऐसा महत्वपूर्ण घटक है,जो किसी भी देश या समाज के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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Published

2022-06-30

How to Cite

कुमारी ड. स. . (2022). सार्वजनिक खनिज तेल उद्यमों में उपार्जनों का प्रवृत्ति विश्लेषण. JOURNAL OF INDUSTRIAL RELATIONSHIP CORPORATE GOVERNANCE AND MANAGEMENT EXPLORER, 2(2). Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JIRCGME/article/view/166

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