भारतीय पर्यटन उद्योग की चुनौतियाँ एवं संभावना
Abstract
लगभग पिछले दो दशकों में भारतीय अर्थ व्यवस्था में सेवा क्षेत्र में पर्यटन ने एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। आज विश्व में कई देशों की अर्थव्यवस्था का केन्द्र बिन्दु पर्यटन ही है। पर्यटन एक समेकित व्यवस्था है जिसमे कई सेवा प्रदाता सम्मलित रुप से शामिल हैं। प्रमुख रुप से होटल व्यवसाय टूर एवं ट्रैवेल ऐजेन्सियां, रेस्तरों, परिवहन के विभिन्न माध्यम आदि की सेवाएं रोजगार के ढेरों अवसर उपलब्ध कराता है। लोगों को आर्थिक समृद्धि प्रदान कर सामाजिक समानता लाने में पर्यटन की महती भूमिका हो सकती है एवं राजस्व से प्राप्त धन का उपयोग निर्धनता उन्मूलन, शिक्षा स्वास्थ्य आवास सुविधा पेयजल की व्यवस्था आदि आधारभूत संरचना के विकास के लिए किया जा सकता है। पर्यटन व्यवसाय की वृद्धि से आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाये रखना आसान कार्य है।
शब्द कुंजी- पर्यटन, सकल घरेलू उत्पाद, विनियोग, विदेशी मुद्रा, अर्जन चिकिरसा पर्यटन इकोटूरिज्म आदि