सोशल मीडिया का युवाओं की जीवनशैली पर प्रभाव: एक मूल्यांकन
Abstract
सोशल मीडिया का प्रयोग वर्तमान में तेजी से बढ़ रहा है और इसके साथ ही इसका प्रभाव बढ़ रहा है। सोशल मीडिया का उपयोग युवाओं में तेजी से हो रहा है। संपर्क के साधन के साथ राजनीति, अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों में इसके उपयोग में तेजी आ रही है। इसके कारण यह समाज के प्रत्येक पहलू को प्रभावित कर रहा है विशेषकर युवाओं के नैतिक और सामाजिक मूल्यों के साथ यह युवाओं की जीवनशैली और विचारों को प्रभावित कर रहा है। युवा सोशल मीडिया पर अपनी निजी जिंदगी खोलने लगा है साथ ही अन्य अप्रमाणित खबरों को वह सच मानने लगा है। जिसके कारण सोशल मीडिया का नकारात्मक पहलू भी उभर रहा है।
21वीं सदी में बहुत सारी चीजों में बड़े बदलाव सामने आये। अब जब भी मन कुछ पढ़ने का होता तो सबसे पहले हमारा ध्यान पुस्तकों की बजाय स्मार्टफोन पर जाता है। पुस्तकों का स्थान इटरनेट ने ले लिया है। ज्ञानवर्धक कहानी कविताओं की बजाय सोशल मीडिया साइट पर शेयर हो रही पोस्ट पढ़ी जाने लगी है। फेसबुक, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम में दोस्तों की फोटो देखी जाने लगी है। सबसे ज्यादा असर इस्टेंट मैसेजिंग सर्विस वाट्सएप का हो रहा है। इस स्मार्टफोन ने लोगों को पुस्तकों से दूर करने में महती भूमिका अदा की है। सोशल मीडिया साइट का बढ़ता उपयोग लोगों को वास्तविक ज्ञान से दूर एक आभासी दुनिया की ओर खींच रहा है, जिसकी सच्चाई का किसी को पता भी नहीं है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया ने लोगों की पढ़ने की आदत को कम कर दिया है। प्रस्तुत आलेख में सोशल मीडिया के इन्हीं प्रभावों को विश्लेषित किया गया है।
मुख्य शब्द-युवा, सोशल मीडिया, नैतिक मूल्य, समाज, अपराध, इंटरनेट, नेटवर्किंग, सोशल साइट्स, जीवनशैली।