ग्रामीण क्षेत्रीय उन्नाव में रोजगार एवं औद्योगिक विकास प्रक्रिया की बदलती प्रवृत्तियाँ
Abstract
गांवों तथा कस्बों में अजीविका के काफी स्त्रोत है, पर सब जगह परिश्रम, बौद्विक शारीरिक कुशलता और जोखिम उठाने की आवश्यकता है थोड़ा सा परिश्रम, कुछ धैर्य तथा व्यापारिक बुद्वि का प्रयोग अजीविका एवं रोजगार के नये नये आयाम प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के लोंगों को बैंक तथा सरकार भी सहायता प्रदान करते है। वर्तमान ग्रामीण क्षेत्र में मेहनत की रोटी खाने का भाव रखने वालों के लिए आजीविका के स्त्रोतों तथा रोजगार के अवसरों का कोई अभाव नही है। इस प्रकार भारतीय ग्रामीण क्षेत्र में परंपरागत पैतृक रोजगार के संरक्षण के साथ आर्थिक लाभ भी अर्जित किया जा सकता है।
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Published
2023-08-08
How to Cite
डॉ. सदानंद राय. (2023). ग्रामीण क्षेत्रीय उन्नाव में रोजगार एवं औद्योगिक विकास प्रक्रिया की बदलती प्रवृत्तियाँ. JOURNAL OF MANAGEMENT, SCIENCES, OPERATION & STRATEGIES, 4(1), 61–65. Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JMSOS/article/view/293
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