भारत परमाणु गाथाः परमाणु परीक्षण तथा परमाणु नीति
Abstract
नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग पर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच हुई संधि समग्र राष्ट्र में बहस का मुद्दा रहा था। इस बहस को राष्ट्र की जनता देख रही थी। प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे और 18 जुलाई, 2005 को जारी संयुक्त विज्ञप्ति ने करार की प्रक्रिया की शुरूआत की थी। पं0 जवाहर लाल नेहरू के दूरदर्शी नेतृत्व ने पचास के शुरूआती दशक में परमाणु ऊर्जा के कार्यक्रम की आधारशिला रखी थी। उन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा एवं उनकी विशिष्ट टीम को सभी आवश्यक मदद मुहैय्या करायी थी। शुरूआत से ही, नेहरू जी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शान्तिपूर्ण तथा ऊर्जा सुरक्षा के लिए समर्पित होगा। इस बिन्दु पर यह कहना आवश्यक होगा कि अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग इस कार्यक्रम का एक अभिन्न हिस्सा है तथा पहला परमाणु ऊर्जा केंद्र अमेरिकी सहयोग से वर्ष 1963 में तारापुर में स्थापित किया गया था ।2 राजस्थान व तमिलनाडु के परमाणु रिएक्टर कनाडा के सहयोग से लगाये गये थे। इस दौरान भारत के रूस, फ्रांस व अन्य देशों के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। इससे अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि हुई।