शालात्यागी बालिकाओं की स्थितिः - सिद्धार्थनगर जिले के बांसी क्षेत्र के विशेष सन्दर्भ में
Abstract
बालिकाओं की शिक्षा में समाज में अतिरिक्त रूप से सामाजिक एवं आर्थिक सृदढ़ता आती है जिसका लाभ पूरे समाज को मिलता है । साक्षरता का दर बढ़ना मानव पूंजी के लिए सकारात्मक संकेत है । साक्षरता और शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सर्वप्रथम पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति को शिक्षित करना आवश्यक है । भारत की साक्षरता दर 74.04% है (जनगणना 2011) महिला साक्षरता दर 65.46% और पुरुष साक्षरता दर 82.14% राष्ट्रीय स्तर पर पुरूषों के मुकाबले महिलाएं 16.68% पीछे है । भारत सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के माध्यम से भी सहायता प्रदान करने की कोशिश की है । समय-समय पर निवेश राशि, योजना नीतियाँ भी बनायी है जिससे इन वर्गों को सहयोग मिला है । इससे हमें साक्षरता एवं शिक्षा प्राप्ति की दर में वृद्धि दिखाई देती है ।
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Published
2023-08-08
How to Cite
डॉ अर्चना मिश्रा. (2023). शालात्यागी बालिकाओं की स्थितिः - सिद्धार्थनगर जिले के बांसी क्षेत्र के विशेष सन्दर्भ में. JOURNAL OF MANAGEMENT, SCIENCES, OPERATION & STRATEGIES, 3(1), 71–78. Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JMSOS/article/view/332
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