उच्च षिक्षा में छात्र अंसतोष
Abstract
प्रत्येक राष्ट्र की प्रगति की आधारभूत स्तंभ वहाँ की युवा पीढ़ी की सकारात्मक कार्यशैली एवं उसकी कार्यनिष्ठा पर केन्द्रित रहती है। किसी भी देश के छात्र विशेषकर उच्च शिक्षा के छात्र उस राष्ट्र के भविष्य को तय करने की आधारशिला के रूप में देखे जाते है अतः उनमें बढ़ते अंसतोष को चाहे उसका कारण कोई भी क्यों न हो उसे अच्छा संकेत के रूप में नहीं देखा जाता है, क्योंकि इसके बढ़ने पर युवा शक्ति में अपराध का जन्म होता है जो हिंसा, सार्वजनिक सम्पत्तियों आदि में बढ़ावा देने का मुख्य कारण बन जाता है। विगत वर्षो में उच्च शिक्षा में छात्र अंसतोष को व्यापक पैमाने पर देखा जा सकता है जिस कारण ये छात्र अवांछनीय गतिविधियों में शामिल हो जाते है और असंतोष के निस्तारण न होने के कारण उनका भविष्य एवं शिक्षा पूरी की पूरी नष्ट हो जाती है।
मुख्य षब्द- छात्र असंतोष, अपराध, मूल्य, वातावरण, दोषपूर्णं।