भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति एवं सामाजिक समस्याएँः एक समाजशास्त्रीय अध्ययन

Authors

  • साधना कुमारी

Abstract

विश्व में मानव अधिकारों के प्रति जागरूकता के विकास के साथ महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के प्रति चिंता बड़ी है। भारत में गुलामी की अवधि में सामाजिक स्थितियाँ क्रमशः बिगड़ती गयी और परतंत्रता की मानसिकता ने राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त की पंक्तियों को इस प्रकार चरितार्थ किया- ‘‘हम कौन थे क्या हो गए और क्या होंगे अभी आओ विचारे आज मिलकर ये समस्याएं सभी‘’ आजादी के बाद 73 वर्षों की विकास यात्रा में देश में महिलाओं, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और सामाजिक मान्यताओं के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन की सुगबुगाहट अवश्य लक्षित है। लेकिन इस विशाल और अनगिनत विविधता वाले देश में इस परिवर्तन का अंश नगण्य ही है। संविधान में महिलाओं को पुरूषों के समान ही अधिकार दिए है, अत्याचारों से दबी उनकी दयनीय जीवन स्थितियों को रूपांतरित करने और सामाजिक, आर्थिक तथा विधिक पहचान बनाने के लिए कई कल्याणकारी मान्यताएं दी है। लेकिन उनकी विकास की स्थिति और दशा आज भी चिंतनीय है।
मूलशब्द - महिला, अधिकार, समानता, परिस्थिति, सामाजिक, समस्या, परिवार भूमिका।

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Published

2023-08-19

How to Cite

साधना कुमारी. (2023). भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति एवं सामाजिक समस्याएँः एक समाजशास्त्रीय अध्ययन . JOURNAL OF MANAGEMENT, SCIENCES, OPERATION & STRATEGIES, 5(1), 111–117. Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JMSOS/article/view/361

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