कैसे रूके मौसमी प्रवासी श्रमिकों का पलायन ?

Authors

  • डाॅ. विनय कुमार गुप्ता
  • राजन यादव

Abstract

ग्रामीण क्षेत्रों का कृषि आधार वहाँ पर रहने वाले सभी लोगों को स्थायी रोजगार प्रदान नहीं करता है। वरन् क्षेत्रीय विकास में असमानता के साथ-साथ लोगों को ग्रामीण से षहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर करती है। षैक्षणिक सुविधााअें की कमी के कारण विषेष रूप से उच्च षिक्षा प्राप्त लोग इस उद्देष्य की पूर्ति के लिए ग्रामीण लोगों को षहरी क्षेत्रों में किसी न किसी लोभ के चलते स्थानांतरित होने के लिए प्रेरित करते हैं। राजनीतिक अस्थिरता और अंतरजातीय संघर्ष के कारण भी लोग अपने घरों से दूर चले जाते हैं। पिछले वर्षो में अस्थिर परिस्थितियों के कारण उत्तर प्रदेष से बड़ी संख्या मौसमी श्रमिक रोजगार की तलाष में देष के विभिन्न राज्यों में प्रवास कर चुके है। एक मौसमी श्रमिक को बिषेषकर गरीबी और रोजगार के अवसरों की कमी लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए प्रेरित करती है। मौसमी श्रमिक प्रायः अल्पकाल में अधिक आय, उचित स्वास्थ्य एवं वित्तीय सेवाओं का लाभ एवं बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की तलाष में अल्पावधि के आधार पर भी पलायन करते है।
महत्वपूर्ण षब्द- मौसमी, श्रमिक, रोजगार, पलायन, आय, अर्थव्यवस्था विकास।

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Published

2023-08-19

How to Cite

डाॅ. विनय कुमार गुप्ता, & राजन यादव. (2023). कैसे रूके मौसमी प्रवासी श्रमिकों का पलायन ?. JOURNAL OF MANAGEMENT, SCIENCES, OPERATION & STRATEGIES, 6(2), 61–63. Retrieved from http://journal.swaranjalipublication.co.in/index.php/JMSOS/article/view/372

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