Study of the condition of street child labourers

Authors

  • नरेष कुमार शोध छात्र, राजनीतिषास्त्र विभाग, बी0 एन0 एम0 यू0, मधेपुरा, बिहार

Abstract

बच्चे किसी देष या समाज की महत्वपूर्ण सम्पति होते हैं, जिनकी समुचित सुरक्षा, पालन-पोषण, षिक्षा एवं दायित्व भी राष्ट्र और समुदाय का होता है क्योंकि कालान्तर में यही बच्चे देष के निर्माण और राष्ट्र के उत्थान के आधार स्तम्भ बनते हैं। बाल कल्याण को प्रमुखता देने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस (14 नवंबर) को प्रति वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जहाँ एक ओर बाल कल्याण से संबधित अनेक विषयों पर विष्व जनमत गंभीरता से सोच रहा है, वहीं दूसरी ओर बाल श्रमिकों की समस्या भी तेजी से पनप रही है-विषेषकर विकासषील देषों में यह समस्या अधिक विकराल रूप में दृष्टिगत हो रही है। आज विष्व में लगभग 25 करोड़ बाल श्रमिक हैं।

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Published

2024-07-08

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