गयावाल तथा जजमानी व्यवस्था
Abstract
जजमानी व्यवस्था जाति.प्रथा के अन्तर्गत एक सामाजिक.आर्थिक व्यवस्था हैए जिसके माध्यम से जातियाँ वस्तु तथा सेवाओं का आदान.प्रदान करती है। जो जातियाँ सेवाएँ तथा वस्तुएँ लेती हैंए उन्हें जजमान कहा जाता है और जो सेवाएँ तथा वस्तुएँ देती हैए उन्हें कमीन या प्रजा कहा जाता है। सेवा देने के बावजूद ब्राह्मण कमीन नहीं कहे जाते। इसके माध्यम से जातियाँ एक.दूसरे पर निर्भर रहती हैं। कौन किससे सेवा और वस्तुएँ लेगा या किसको देगाए यह सुनिश्चित रहता है। यह वंशानुगत होता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जजमानी व्यवस्था को बलूटाए आयाए मिलन्द आदि नामों से भी जाना जाता है।