धर्मनिपेक्षता और भारतीय संस्कृति संदर्भ में गाँधी जी का विचार दर्शन
Abstract
धर्मनिरपेक्षता और भारतीय संस्कृति के महान पुजारी गाँधी जी थे । उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और भारतीय संस्कृति बहुत ही मार्मिक ढ़ंग से अपने पुस्तक हिन्द स्वराज सत्य के प्रयोग में वृहत रूप से व्यख्या किया है। भारतीय दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रा है और इसकी बुनियाद धर्मनिरपेक्षता पर रखी गई है। भारत के संविधान निर्माता इस सत्य से वाकिपफ थे कि इस देश में अनेक धर्मों, जातियों तथा वर्गों के लोग रहते हैं। उन सबके साथ न्याय करने के लिए यह जरूरी है कि देश संविधान धर्मनिरपेक्षता हो ।